Karwa Chauth : नई दुल्हनों के लिए 16 श्रृंगार (16 Shringar) की कम्पलीट गाइड, बनें सबसे खूबसूरत सुहागन और चुराएं सबका दिल!
अगर आप एक नई दुल्हन हैं और इस साल का करवा चौथ आपके लिए स्पेशल है, तो यह ब्लॉग आपके लिए ही है। करवा चौथ, जो हिंदू महिलाओं का एक प्रमुख त्योहार है, पति की लंबी उम्र और वैवाहिक सुख की कामना के लिए मनाया जाता है। इस साल, करवा चौथ 10 अक्टूबर 2025 को पड़ रहा है, जो शुक्रवार का दिन होगा। यह व्रत निर्जला होता है, जहां महिलाएं सूर्योदय से चंद्रोदय तक कुछ भी नहीं खाती-पीतीं। लेकिन इस व्रत का मजा तब दोगुना हो जाता है, जब आप 16 श्रृंगार (16 Shringar) करके खुद को रानी की तरह सजाती हैं।
आज हम बात करेंगे 16 श्रृंगार (16 Shringar) के बारे में, क्या हैं ये, उनका महत्व क्या है, और कैसे आप इन्हें अपनाकर इस करवा चौथ को यादगार बना सकती हैं। यह पारंपरिक श्रृंगार न सिर्फ आपकी सुंदरता को निखारता है, बल्कि भारतीय संस्कृति की गहराई को भी दर्शाता है। चलिए, शुरू करते हैं!

करवा चौथ का महत्व: क्यों मनाते हैं यह त्योहार?
करवा चौथ उत्तर भारत में विशेष रूप से लोकप्रिय है, जहां सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। यह त्योहार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को आता है। मान्यता है कि इस दिन देवी पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है। नई दुल्हनों के लिए यह पहला करवा चौथ बेहद खास होता है, क्योंकि यह उनके नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक है।
इस दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले सरगी खाती हैं (जो सास द्वारा तैयार की जाती है), फिर पूरे दिन व्रत रखती हैं, शाम को पूजा करती हैं, और चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत तोड़ती हैं। लेकिन सजना-संवरना इस त्योहार का सबसे मजेदार हिस्सा है, और यही है 16 श्रृंगार!
16 श्रृंगार (16 Shringar) क्या है? एक नजर में समझें
16 श्रृंगार (सोलह श्रृंगार) भारतीय संस्कृति में महिलाओं की सुंदरता का प्रतीक है। यह 16 प्रकार के सौंदर्य प्रसाधन और आभूषण हैं, जो सिर से पैर तक महिलाओं को सजाते हैं। मान्यता है कि इनसे न सिर्फ बाहरी सुंदरता बढ़ती है, बल्कि आंतरिक शक्ति भी मिलती है। नई दुल्हनों के लिए यह श्रृंगार सुहाग की निशानी है और करवा चौथ पर इन्हें अपनाना शुभ माना जाता है।
यहां है 16 श्रृंगार (16 Shringar) की पूरी लिस्ट, उनके महत्व और टिप्स के साथ:
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बिंदिया (Bindi)
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महत्व: माथे पर लगाई जाने वाली बिंदिया सुहाग का प्रतीक है।
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टिप: लाल या चमकीली क्रिस्टल वाली बिंदिया चुनें, जो चेहरे को ग्लो दे।
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सिंदूर (Sindoor)
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महत्व: मांग में भरा जाने वाला लाल या नारंगी सिंदूर पति की लंबी उम्र की कामना करता है।
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टिप: वाटरप्रूफ सिंदूर चुनें ताकि पूजा के दौरान न फैले।
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मंगलसूत्र (Mangalsutra)
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महत्व: गले में पहना जाने वाला यह नेकलेस वैवाहिक बंधन का प्रतीक है।
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टिप: सोने या हीरे वाला मंगलसूत्र चुनें और इसे पूजा में चढ़ाएं।
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काजल (Kajal)
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महत्व: आंखों को आकर्षक बनाने वाला काजल बुरी नजर से बचाता है।
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टिप: स्मज-प्रूफ काजल लगाएं और विंग्ड आईलाइनर के साथ लुक को निखारें।
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नथ (Nath)
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महत्व: नाक में पहनी जाने वाली नथ रॉयल लुक देती है।
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टिप: चेहरे की शेप के अनुसार छोटी या बड़ी नथ चुनें; पहली बार पहन रही हैं तो लाइटवेट लें।
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कान की बालियां (Karnaphool या Earrings)
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महत्व: झुमके या स्टड इयरिंग्स चेहरे को ब्राइट करते हैं।
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टिप: लहंगे या साड़ी से मैचिंग कलर के झुमके चुनें।
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मेंहदी (Mehndi)
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महत्व: हाथों और पैरों पर लगाई जाने वाली मेंहदी शुभता लाती है।
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टिप: करवा चौथ से एक दिन पहले लगाएं, और पति का नाम छुपाकर लिखवाएं, रोमांटिक ट्विस्ट!
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चूड़ियां (Choodiyan)
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महत्व: कलाइयों में पहनी जाने वाली चूड़ियां सुहाग की खुशी का प्रतीक हैं।
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टिप: लाल-हरी चूड़ियां जरूर पहनें; ग्लास बैंगल्स की बजाय मेटल वाली ट्राई करें।
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बाजूबंद (Bajuband)
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महत्व: बांहों पर पहना जाने वाला यह आर्मलेट शाही अंदाज देता है।
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टिप: कुंदन या सोने वाला बाजूबंद चुनें।
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कमरबंद (Kamarband)
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महत्व: कमर पर बांधा जाने वाला यह बेल्ट साड़ी को होल्ड करता है और फिगर को हाइलाइट करता है।
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टिप: हैवी एम्ब्रॉयडरी वाला कमरबंद चुनें।
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अंगूठी (Angoothi)
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महत्व: उंगलियों में पहनी जाने वाली रिंग्स सौंदर्य बढ़ाती हैं।
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टिप: सॉलिटेयर या एंगेजमेंट रिंग को शामिल करें।
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पायल (Payal)
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महत्व: पैरों में पहनी जाने वाली पायल की छनक मधुर लगती है।
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टिप: सिल्वर या गोल्ड पायल चुनें।
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बिछिया (Bichhiya)
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महत्व: पैरों की उंगलियों में पहनी जाने वाली यह सुहागिन होने की निशानी है।
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टिप: सोने की बिछिया पहनें।
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इत्र (Itr या Perfume)
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महत्व: शरीर पर लगाया जाने वाला परफ्यूम आकर्षण बढ़ाता है।
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टिप: रोज़ या चंदन की खुशबू चुनें।
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लाल जोड़ा (Lal Joda या Attire)
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महत्व: लाल साड़ी या लहंगा प्रेम और सुहाग का प्रतीक है।
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टिप: डिजाइनर लहंगा या साड़ी चुनें और दुपट्टा अच्छे से सेट करें।
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गजरा (Gajra)
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महत्व: बालों में सजाया जाने वाला फूलों का गजरा रोमांस ऐड करता है।
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टिप: फ्रेश गुलाब या चमेली के फूलों वाला गजरा लगाएं।
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करवा चौथ पर 16 श्रृंगार (16 Shringar) करने के प्रैक्टिकल टिप्स
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पहले से तैयारी शुरू करें: मेंहदी और शॉपिंग एक हफ्ता पहले कर लें। स्किन केयर रूटीन फॉलो करें ताकि चेहरा ग्लो करे।
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मेकअप ट्रिक्स: लाइट फाउंडेशन, रेड लिपस्टिक, और हाइलाइटर यूज करें। आंखों को स्मोकी लुक दें।
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पूजा की तैयारी: शाम को पूजा मुहूर्त में (लगभग 5:58 PM से 7:11 PM तक) चंद्रमा को अर्घ्य दें। करवा चौथ कथा सुनें और थाली सजाएं।
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हेल्थ टिप्स: व्रत के दौरान हाइड्रेट रहने की कोशिश करें (हालांकि निर्जला व्रत है, मेडिटेशन मदद करेगा)। चंद्रोदय के समय (लगभग 8:36 PM) पति के हाथ से पानी पीकर व्रत तोड़ें।
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मॉडर्न ट्विस्ट: अगर आप वर्किंग वुमन हैं, तो सिंपल श्रृंगार चुनें, जैसे लाइट ज्वेलरी और साड़ी की बजाय सूट।
करवा चौथ की कथा: एक संक्षिप्त झलक
एक बार एक ब्राह्मण की बेटी वीरावती ने करवा चौथ का व्रत रखा, लेकिन भूख से बेहोश हो गई। उसके भाइयों ने झूठा चंद्रमा दिखाकर व्रत तुड़वाया, जिससे उसका पति मर गया। फिर देवी इंद्राणी की कृपा से पति जीवित हुआ। यह कथा सिखाती है कि व्रत को पूरी श्रद्धा और नियमों के साथ रखें।
निष्कर्ष: बनें इस करवा चौथ की स्टार!
16 श्रृंगार (16 Shringar) अपनाकर आप न सिर्फ सुंदर लगेंगी, बल्कि अपने वैवाहिक जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाएंगी। यह त्योहार प्यार, समर्पण और भारतीय संस्कृति का उत्सव है। अगर आप नई दुल्हन हैं, तो इस साल का करवा चौथ आपके लिए जीवनभर की याद बन सकता है।
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हैप्पी करवा चौथ, प्यार बरसता रहे!
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